हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड : मेरी नज़र से (भाग 3)

दोस्तों पिछले लेख में मैंने आपको हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड का मकसद बताया था, और इससे पहले मैंने हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के गूगल ग्रुप, फेसबुक ग्रुपलिंक्डइन.कॉमऑरकुट के ग्रुप के बारे में भी बताया था, चलो आज कुछ नया किया जाए... पर क्या ? हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के बारे में अब तक जितनी जानकारी मैंने आपको दी उसके हिसाब से तो यह इसका केवल परिचयात्मक भाग (मेरा मतलब है - "Introductory Part") था

अपने पिछले लेख में मैंने बताया था कि अबकी बार ब्लॉग्गिंग के फायदे व नुकसान की बात की जाएगी... हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए इन विषयों पर लेख दो कौशिक बहनों ने लिखे हैं... इन बहनों से आज पूरा हिंदी ब्लॉग्गिंग जगत भलीभांति वाकिफ है... जी हाँ ! मैं शिखा जी और शालिनी जी के बारे में बात कर रहा हूँ. वैसे इनके बारे में मुझे ज्यादा तो कुछ पता नहीं पर जितना पता है वो आप से बताना चाहता हूँ... 

शालिनी जी पेशे से वकील हैं, पर साथ ही साथ एक बहुत अच्छी कवियित्री, लेखिका तथा इन सबसे बढ़कर एक बहुत अच्छी इंसान हैं. खुद के ब्लॉगर प्रोफाइल में वे अपने बारे में लिखती हैं कि घर वाले उन्हें जिद्दी बोलते हैं क्योंकि वे हर वक्त सच का साथ देने के लिए तत्पर रहती हैं... और वे पीड़ितों व निसहाय लोगों की सहायता के लिए हरदम तैयार रहती हैं. वे बचपन से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेती आ रही हैं तथा स्कूल में भी वे भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लेती थी और हमेशा अव्वल रहती थीं, उनके 100 - 150 पत्र कई नामी हिंदी समाचार पत्रों में छप चुके हैं और समाचार पत्रों ने ही उन्हें ब्लॉग्गिंग का रास्ता दिखाया. आज वे हिंदी ब्लॉगर्स इंटरनेशनल की कानूनी सलाहकार हैं. न तो ये पुरुषवादी हैं और न ही नारीवादी इसीलिए हर दम नए ब्लॉगर्स को प्रोत्साहित करने को तैयार रहती हैं. उनके शब्दों में उनकी ही एक इच्छा आप सब से साझा करना चाहूँगा - 

वो क्या है,कहाँ है,
है भी या नहीं...
        सोचने को विवश है मन.
         दिन मेरा बचता नहीं है,
रात यूँ ही कट जाती है,
क्या यही रहेगा मेरा जीवन.
          मेरी इच्छा है इस जग में,
           कुछ ऐसा काम मैं कर दिखलाऊँ,
जिससे जब छोडूं जग को मैं
सारी दुनिया को याद मैं आऊँ.

चलिए जानते हैं - वे क्या कहती हैं ब्लॉग्गिंग के फायदों के बारे में , मेरी नज़र से
सबसे पहले तो उन्होंने बताया कि अच्छे लेखन के लिए आवश्यकता है अच्छे प्रोत्साहन की. और इस बात से मैं भी सहमत हूँ क्योंकि अगर आप कोई काम करें और अगर कोई आपके उस कार्य के लिए आपको शाबासी दे तो आप अगर अगली बार फिर वही कार्य करेंगे तो आपका मन व दिमाग दोनों ही उत्साह से परिपूर्ण रहेंगे और आपकी कार्यशीलता तथा कार्य दोनों में बहुत ज्यादा सकारात्मक परिवर्तन आता है. इस बात को सिर्फ मैंने ही नहीं शायद आपने भी महसूस किया होगा. शालिनी जी ने बताया कि 
  • ब्लॉग्गिंग - सशक्त अभिव्यक्ति का सार्थक मंच
  • सारी दुनिया के विद्वानों से मिलने का, उनसे किसी विषय पे विचार विमर्श करने, तथा उनके द्वारा अपने किसी आलेख पे सही राय जाने का एक सार्थक मंच है - ब्लॉग्गिंग
  • जब समान अभिरुचि, विचारधारा वाले व्यक्ति आपस में मिलते हैं तो अपनी बात कहने में कोई संकोच दिखाई नहीं देता, एक अलग ही आत्मबल की अनुभूति होती है.
  • ब्लॉग्गिंग - मन को शांत व प्रफुल्लित करने का नायब साधन.
  • स्व भाषा समृद्धि, व तनाव दूर करने का बहुत सुन्दर मंच.
ये तो रही शालिनी जी व उनके द्वारा बताये गए ब्लॉग्गिंग के फायदे... चलिए अब शिखा जी से भी आपका परिचय करवा देता हूँ... 

शिखा जी, शालिनी जी की ही तरह हिंदी ब्लॉग्गिंग को समर्पित नारियों में से एक हैं. मानवजाति के उत्थान को समर्पित एक शोध छात्रा जिनके शोध का विषय है "हिंदी की महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में स्त्री विमर्श"... ब्लॉग जगत में सभी से स्नेह की अपार आकांक्षाएं लिए शिखा जी ने भी शालिनी जी की तरह ब्लॉग जगत में कदम रखा... और आज उनकी आकांक्षाएं भी पूरी होती दिखाई दे रही हैं. इस लेख हेतु उनके बारे में जानकारी इकठ्ठा करते वक्त मुझे थोड़ी सी परेशानी भी हुई, क्योंकि कभी वे किसी सजग नारी की तरह भारतीय नारी की परेशानियों को उजागर करती दिखाई देती हैं तो कभी छोटे नन्हे मुन्नों के लिए कवितायें गाती हैं. और कभी वे सुन्दर कहानियों में खोयी दिखती हैं तो कभी किसी अपने ब्लॉग में प्रश्न मंच खोले दिखायो देती हैं... सच में बहुमुखी प्रतिभा से परिपूर्ण हैं शिखा कौशिक जी. 

चूंकि कि वे खुद एक नारी हैं तथा एक शोध छात्रा होने के कारण उन्हें ज्ञात है कि ब्लॉग जगत में किसी महिला तथा एक ब्लॉगर (पुरुष या महिला) को आये दिन किस - किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसीलिए हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए उन्होंने एक लेख लिखा "ब्लॉग्गिंग के साइड इफेक्ट"...
चलिए अब उनके लेख को मेरी नज़र से देखने की कोशिश की जाए कि आखिर वे ब्लॉग जगत से क्या कहना चाह रही हैं ?
  • शारीरिक नकारात्मक प्रभाव  - जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक ही जगह पर घंटों बैठे रहने के कारण बहुत सारी परेशानिया जैसे कि सिरदर्द, पीठ दर्द, बदन दर्द, थकान इत्यादि का सामना करना पड़ता है. और कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर बैठने पर आँखों पे भी बुरा प्रभाव पड़ता है... ऐसे ही कुछ जरूरी प्रभावों की जानकारियाँ आपको उनके लेख में मिलेंगे.
  • ब्लॉग्गिंग की लत, सच में बहुत बुरी है (चूंकि लत किसी भी चीज कि हो बुरी ही होती है). इसके चलते आप अपने परिवार की अनदेखी भी कर सकते हैं, बाहरी दुनिया सिमट कर बस कंप्यूटर स्क्रीन बन जाती है. शुद्ध हवा तो जैसे सदियों पहले इस तन को लगी हो ऐसा महसूस होने लगता है. 
  • कुछ फर्जी लोग आज ब्लॉग जगत में भी आ धमके हैं. जो आपके लेखों को चुरा कर सारा श्रेय खुद ले उड़ते हैं. और कभी कभी ऐसा भी होता है कि आपके नाम को बदनाम करने के लिए कुछ लोग आपके नाम का दुरुपयाग कर फर्जी प्रोफाइल भी बना लेते हैं.
  • आज कल ब्लॉग जगत में ऐसे लोग भी शामिल हो गए हैं जो खुद को व खुद के मित्रों व परिजनों को एक समूह बना के पुरुस्कार द्वारा सम्मानित करते हैं और जो बहुत अच्छा लिखता है उसकी अनदेखी कर उसे हतोत्साहित भी करते हैं.
  • एक महिला को इस पुरुष प्रधान समाज में ज्यादा सजग रहना पड़ता है. क्योंकि सभी जानते हैं कि एक पुरुष अपने झूठे स्वाभिमान की खातिर किस हद तक गिर सकता है. 
  • और अंत में वे कहती हैं कि इन सब नकारात्मक प्रभावों से डर के ब्लॉग्गिंग छोड़ देना बुज़दिली होती है एक कायर बनने की अपेक्षा एक वीर की भांति डटें रहें. और महिला ब्लौगरों को वे सलाह देती हैं कि अभद्र व अवांछित कमेन्ट को दूर किया जा सकता है. अगर आप सही हैं तो किसी से न डरें यही नीति है...
और अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि मुझे दोनों ब्लॉगर बहनों के लेखन में कोई भी खामी नज़र नहीं आई. आशा है कि आपको भी न आई होगी... 

मैं बहुत-बहुत शुक्र गुज़र हूँ शिखा जी और शालिनी जी आपका, जो आप दोनों ने हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए इतनी उम्दा जानकारी प्रस्तुत की. 


उनके लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें - ब्लॉग्गिंग के फायदे  तथा ब्लॉग्गिंग के साइड इफेक्ट्स 
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मेरे अगले लेखों में आप पाएंगे - ब्लॉग्गिंग के बुनियादी उसूल, जीमेल में अपना अकाउंट कैसे बनायें ?, पासवर्ड सुरक्षा तथा और भी बहुत कुछ...
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मेरे पिछले लेख भी देखें - 
हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड : एक नया अध्याय

हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड : एक नया अध्याय - भाग २


हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड से सम्बंधित लेख : मेरी नज़र में (भाग एक)

हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड : मेरी नज़र से (भाग २)
http://meri-mahfil.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html

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 - महेश बारमाटे "माही"

Comments

  1. आपकी सीरीज़ अच्छी चल रही है. आप विपरीत हालात में भी गाइड को जन जन तक पहुँचाने का शुभ कार्य जिस लगन से कर रहे हैं , वह सराहनीय है. कल रात मैंने हिंदी फ़ोरम पर इसकी बारहवीं किस्त पेश की है .

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  2. बढ़िया आलेख है!
    शिखा जी और शालिनी जी का परिचय अचछा लगा!

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  3. बढ़िया आलेख है!
    शिखा जी और शालिनी जी का परिचय अचछा लगा!

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  4. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद...
    पर क्या आप मेरी तरफ से शिखा जी व शालिनी जी को भी इस लेख के बारे में बता देंगे, क्योंकि मेरे पास उनका कोई ईमेल नहीं जिससे उनसे संपर्क किया जा सके...
    फिर भी अपनी ओर से कोशिशें जारी हैं मेरी...

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  5. mahesh ji,
    aapki lekhni ne hame vastav me blog jagat me bahut shandar sthan dila diya hai ham dono hi bahne aapki aabhari hain .aapka hindi blogging guide ke liye kiya ja raha athak prayas sarahniy hai.all the best.

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