ब्लॉग - माही की पचासवीं पोस्ट
आज मैं अपने कविताओं भरे ब्लॉग - माही की पचासवीं पोस्ट तथा उसके नए स्वनिर्मित संस्करण की खुशियाँ बांटने आया हूँ...
आज बड़े दिनों बाद मैंने अपने ब्लॉग माही में कोई कविता पोस्ट की है... क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मैं थोडा व्यस्त चल रहा था... फिर जब फुर्सत मिली तो पाया कि माही ब्लॉग में 49 पोस्ट हो चुकी हैं तो सोचा कि इस ब्लॉग को एक नया रूप दिया जाए, तो बस इसी कार्य में लग गया. फोटोशॉप सॉफ्टवेयर जिसे मैंने कभी छुआ भी न था, इस काम के लिए न केवल उसे छुआ बल्कि सफलता भी पायी. पर इस काम में मुझे 5 दिन लग गए, क्योंकि फोटोशॉप और Artisteer सॉफ्टवेयर को चलने का पहला अनुभव थोड़ा कठिन ही था. सब काम हो जाने के बाद सोचा कि एक अच्छी सी कविता भी लिखी जाए, पर दिल से रहा ही न गया कि कोई नयी कविता लिखी जाए तो बस अपनी डायरी उठाई और अपने दोस्तों को समर्पित एक कविता "वो गए... दिल गया..." पे नज़र जाते ही इसे लिखने का मन किया सो मैंने आपके समक्ष पेश कर दी अपनी कविता.
इस कविता का एक और महत्त्व है, क्योंकि जब ये कविता मुझे मेरे कॉलेज फ्रेंड्स की याद दिलाती है. वे सारे मेरे लिए बहुत ही ख़ास हैं, क्योंकि उनमे ऐसे बहुत से दोस्त हैं जिनके प्रोत्साहन के फलस्वरूप आज मैं इस ब्लॉग जगत में आपके समक्ष खड़ा हूँ, वरना हिंदी साहित्य के प्रति मेरी रूचि "न के बराबर तो नहीं पर कम जरूर थी"
आज जब भी कोई नई कविता या लेख लिखता हूँ तो बस सबसे पहले मेरे कॉलेज फ्रेंड्स याद आते हैं क्योंकि मेरी हर कविता उनके द्वारा जरूर पढ़ी जाती थी... आज वे सब मुझसे दूर हैं पर सच कहूँ तो आज भी वे लोग मेरे ख्वाबों में आते हैं. उनकी कमी आज मुझे बहुत खलती है...
अब तो बस यही दुआ है कि काश ! मेरा ये लेख और मेरी 50वीं कविता वे जहां भी हों जरूर पढ़ें...
के उनकी यादों ने मुझे आज भी महफूज़ रक्खा है "माही",वरना वक्त के थपेड़ों ने मुझे कब का गिरा दिया होता...
आज मैं अपने सारे कॉलेज फ्रेंड्स (खासकर कुछ चुनिन्दा लोग जो मेरी हर कविता को अपने होंठों से छुआ करते थे) और मेरे स्कूल फ्रेंड्स और आप सभी का शुक्रगुजार हूँ कि आपकी दुआ और प्रोत्साहन के बल पर ही मैंने ये मुकाम पाया है...
धन्यवाद दोस्तों !
मैं आज भी तुम सभी को याद करता हूँ, गर फुरसत मिले तो मेरी यादों को भी समय दे देना.
तुम्हारा माही
५० वीं पोस्ट की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ...नियमित लिखें.
ReplyDeleteपचासवीं पोस्ट के लिए बहुत बधाई!
ReplyDeleteहमारी तो 1002 हो गईं हैं उच्चारण पर!
वाह जी हाफ़ सेंचुरी की बहुत बहुत बधाई हो ये सफ़र निरंतर चलता रहे । शास्त्री जी आप शास्त्री जी हैं ..सो हज़ार तो होगी ही ।
ReplyDeleteपचासवीं पोस्ट के लिये बहुत बहुत बधाई और पचास हजारवीं पोस्ट के लिये अग्रिम शुभकामनायें।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई। ये कारवां यूंही चलता रहे।
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विलुप्त हो जाएगा इंसान?
ब्लॉग-मैन हैं पाबला जी...
५० वीं पोस्ट की बधाई और बहुत बहुत शुभ-कामनाएं ... निरंतर लिखते रहें ...
ReplyDelete@डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
ReplyDeleteशास्त्री जी !
बहुत बहुत धन्यवाद... आपकी शुभकामनाओं से इस मुकाम तक तो मैं पहुँच ही गया... और बहुत जल्द ही १०० वीं पोस्ट भी लिखूंगा... :)
बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का... आपकी शुभकामनाओं से इस मुकाम तक तो मैं पहुँच ही गया... और बहुत जल्द ही और भी शून्य जोड़ता जाऊँगा... :)
ReplyDeleteमहेश जी 50 वी पोस्ट के लिए बहुत बहुत मुबारकवाद
ReplyDeleteबधाई हो मित्र
ReplyDeletebadhai...
ReplyDeleteआपकी मेल से आपके ब्लॉग पर पहली दफा आने का मौका मिला.
ReplyDelete५० वीं पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाई.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
पचासवीं पोस्ट के लिए बधाई!
ReplyDeleteपचासवीं पोस्ट के लिये बहुत बहुत बधाई
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