मेरी बात

दोस्तों और हिंदी ब्लॉग जगत के गणमान्य ब्लोग्गर्स... आज कुछ भी लिखने से पहले मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ और आप सबसे ये कहना चाहता हूँ कि अगर मेरे इस लेख में मैंने कुछ भी ऐसा लिखा हो जिससे आपको दुःख हो तो कृपया मुझे क्षमा करें. दोस्तों, मैंने हमेशा से चाहा है कि मैं यहाँ जो भी कहूं विनम्रता पूर्वक ही कहूं पर फिर भी कभी कभी गलती हो ही जाती है... आखिर मैं भी उस ईश्वर का बनाया हुआ एक आम इंसानी बच्चा हूँ जिसके एक कारण मैं, आप और ये सारी कायनात आज तक अस्तित्व में हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इन्सान गलतियों का पुतला है अगर वो गलती नहीं करेगा तो और कौन करेगा ? और मैं तो अब भी बच्चा ही हूँ और हमेशा बच्चा ही रहना पसंद करता हूँ. कल मैंने एक लेख लिखा था " सुझाव : Blogging के बेहतर कल के लिए " और इस बार मुझे आशा से भी ज्यादा कमेंट्स मिले ये जान कर मुझे ख़ुशी और दुःख दोनों हुआ... ख़ुशी इस बात की कि ब्लॉग जगत के कुछ बड़े दिग्गजों ने मेरा लेख पढ़ा और गम इस बात का कि उनमे से कुछ ने मेरे सुझावों पर ध्यान न देते हुए मेरे लेख के एक शब्द को कुछ इस तरह से पकड़ लिया कि मैं जैसे कुछ जानता ह...