हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड : मेरी नज़र से (भाग 4)

आह ! कितना सुकून है जब, कोई काम आपके मन का होता है... लगता है जैसे कोई मनचाही कामना पूरी होने लगी हो...! आज कुछ ऐसे ही जज़्बात मेरे दिल से बयान हो रहे हैं, आज बहुत दिनों बाद मैं फिर आपके समक्ष हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड को लेकर आया हूँ। चूंकि मैंने कहा था कि कुछ वक्त के लिए ब्लॉगिंग से दूर रहूँगा, पर ये आज भी मेरे लिए थोड़ा सा मुश्किल सा है। इसीलिए आज चुपके से आ ही गया हूँ और इसी तरह अब सप्ताह में एक बार आपको हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड की जानकारी देने की कोशिश करूंगा। दोस्तों ! पिछली बार मैंने आपको शलिनी जी व शिखा जी के परिचय के साथ उनके लेख ब्लॉगिंग के फायदे व नुकसान की जानकारी दी थी। आज मैं सबसे पहले श्री रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी के लेख "हिन्दी ब्लॉगिंग के उसूल" के बारे मे बताना चाहूँगा। वैसे तो श्री रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी को आज ब्लॉग जगत मे कौन नहीं जानता ? सोच रहा हूँ कि उनकी तारीफ मे दो शब्द लिखूँ तो कैसे लिखूँ, के जिसकी तारीफ खुद तारीफ करती हो, उसकी क्या तारीफ करूँ ? उनका परिचय देना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल ही है क्योंकि डरता हूँ कहीं कोई भूलचूक न हो जाये।...