बेवफा...
"ए कता, जो कल तक आकाश के साथ अक्सर दिखाई देती थी, आज तन्हाइयों ने उसे कुछ इस तरह घेर लिया है की दोस्तों की महफ़िल में भी वो अकेली दिखाई देती है. आज वो सच में बहुत अकेली और उदास हो गयी है. कारण है - आकाश की अचानक हुई सड़क दुर्घटना में मौत... एकता और आकाश एक दुसरे को बहुत चाहते थे, एक दुसरे की खातिर जान तक देने को तैयार थे वो दोनों... उन्होंने ने भी प्यार में संग जीने मरने की कसमे खायी थी, मगर होनी को आखिर कौन टाल सकता है ? आज एकता पूरी तरह से टूट चुकी है, लगता है जैसे किसी फूलदार डाली के सारे फूल हवा के एक हल्के से झोंके ने पल भर में ही बिखेर दिए हों. कल तक एकता को आकाश पर बहुत नाज़ था, क्योंकि एक हिन्दुस्तानी लड़की को जिस तरह के आदर्श लड़के (जीवन साथी के रूप में) जरूरत होती है, वह सब कुछ आकाश में था. न किसी तरह का ऐब और प्यार के अलावा किसी और तरह का नशा. दोनों की जोड़ी भी आदर्श जोड़ी ही लगती थी. पर ये समय........, न कभी किसी का हुआ है और न ही कभी किसी और का हो पायेगा..." -- कुछ ऐसे ही जज़्बात बयाँ कर रहीं थी, आज अनीता की आँखे, मयूर की तरफ देख कर. ...