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स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ! (Happy Independence Day)

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        स्वतंत्रता दिवस  एक ऐसा दिन जो अमर शहीदों के बलिदान की याद दिलाता है। जो हमें भारतीय होने का एहसास दिलाता है। आज भी जब उन शहीदों के बलिदान की कहानी याद करता हूँ तो जरूर आँखों में अश्क आ ही जाते हैं। खैर ! ये दिन जितना अमर शहीदों को याद करने का है उतना ही सभी भारतीयों की जीत का जश्न मनाने का भी है।  कल हम भारतीयों के लिए बहुत ही उत्साह वर्धक और गर्व से परिपूर्ण पर्व है -           मैं जब छोटा था तो हर 15 अगस्त को मैं स्कूल सुबह - सुबह जाता और अपने स्कूल के प्रिन्सिपल सर को, घर में टीवी में अपने देश के प्रधानमंत्री को लाल क़िले में, और सरकारी दफ्तरों में विभाग प्रमुख द्वारा  अपना राष्ट्रीय ध्वज "तिरंगा" फहराते देखता तो गर्व महसूस करता था कि क्या किस्मत पाई है कि वो लोग अपना "तिरंगा" फहरा रहे हैं। ऐसे में उन लोगों के प्रति सम्मान की भावना और भी बढ़ जाती थी। और ये भी सोचता था कि वो भी खुद में कितना गर्व महसूस करते होंगे कि उन्हे ये सुनहरा मौका मिला है कि देश का तिरंगा इस पावन दिन के लिए फहराने मिल रहा है।  ...

छूट या लूट ... ?

छूट ...  छूट ... छूट ... इस छूट ने अच्छे - अच्छे सरकारी विभागों को आज लिया है लूट ...  जी हाँ ! आज सरकार ने अपने ही कई विभागों में छूट का प्रावधान रख के उन विभागों के लिए नर्क के द्वार खोल दिए हैं। बस चंद वोट की खातिर आम जनता को पंगु तथा बेईमान बना रही है आज सरकार। मैं अन्य सरकारी विभागों के बारे में तो ज्यादा नहीं बता सकता मगर मैं जिस विभाग से हूँ उसमे तो सरकार ने तो हद कर के  रखी है। बिजली ... किसी भी देश, प्रदेश की रीढ़ की हड्डी कहलाती है क्योंकि बिन बिजली कोई भी देश विकास नहीं कर सकता, और आज के दौर में तो फसलें भी बिना बिजली के पैदा नहीं होती। और आज हमारे देश में अगर कोई प्रदेश सरकार गिरती है तो मुख्य मुद्दा बिजली का ही होता है। इसी कारण कुछ दिनों पहले हमारे प्रदेश के मुख्य मंत्री जी ने किसानो के बिलों पे सरचार्ज माफ़ कर के ५० % बिल माफ़ करने की घोषणा कर दी, जाने क्या सोचा और घोषणा कर दी। ये भी नहीं सोचा की ये मार्च है, वित्तीय वर्ष का अंतिम महिना। इसमें बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा बिना किसी लिखित आदेश के करना बिजली के अध...

I love you... virtually ! ;-)

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I Love You ! कितना आसान सा लगता है आज कल ये शब्द किसी से कहना, है न ? नहीं? क्यों? यार एक बार कह के तो देखो किसी को, अगर एक्सेप्ट कर लिया तो फिर बहुत आसान सा लगने लगेगा। यार मालूम है कि मैं जो कह रहा हूँ वो तुमको मजाक लग रहा होगा, क्योंकि ये वर्ड्स हैं ही ऐसे। कई बार ये शब्द किसी से कहना बहुत कठिन हो जाते हैं (ख़ास कर तब जब पहली - पहली बार कहा जाए). मगर आज ये 3 शव्द बहुत आसान से हो गए हैं, जिसे देखो वो ही इनका जब चाहे यूँ ही उपयोग करे पड़ा है।  कैसे ?

आप देंगे न मेरा साथ ? (Welcome to me)

दोस्तों ! बहुत दिनों बाद आया हूँ, क्या करूँ ? ब्लॉग्गिंग छोड़ना नहीं चाहता था पर मेरे जॉब ने मुझे ऐसे मुकाम पे ला फेका कि इन्टरनेट से दूर ही हो गया था मैं। नेट ऑन  करता तो बस इ-मेल देखने के लिए... क्योंकि ब्लॉग्स्पॉट  तो लो स्पीड इंटरनेट पे वर्क ही नहीं करता। पर एक ब्लॉगर को तो बस इन्टरनेट चाहिए कहीं से भी... और मैंने भी वही किया, बस बीएसएनएल ब्रॉडबैंड की संभावनाओं को तलाशा और इस गाँव में भी पा लिया ब्रॉडबैंड... अब मैं फिर से ब्लॉगिंग मे आ गया... मुझे आज भी याद है जब मैं रात रात भर ब्लॉगिंग में अपनी नींदे भूल जाया करता था... मैंने हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड के लिए जो कार्य शुरू किया था वो आज भी अधूरा ही लगता है। मैं ब्लॉगिंग की दुनिया दूर चला गया तो आप लोग भूल गए होंगे मुझे, है न ?  चलो कोई बात नहीं, अब फिर से आप सभी के दिलों में जगह बनानी है,  मेरे पास अब भी बहुत सी नयी कवितायें और नई कहानी हैं...  तो फिर दोस्तों ! बस एक काम कर दो यार... मुझे थोड़ी सी, बस थोड़ी सी ही हिम्मत और आपके प्रोत्साहन की जरूरत है... आप देंगे न मेरा साथ ? अपन...