अनुरोध


२९ अप्रेल २०११, ब्लॉग की ख़बरें में एक पोस्ट रात के करीब १:२० am  पर प्रकाशित हुई. शीर्षक था - हिंदी ब्लॉग्गिंग का भविष्य रौशन करेगी 'हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड'  और लेखक थे डॉ. अनवर जमाल खान. इस लेख में सारी हिंदी ब्लॉग्गिंग बिरादरी से आह्वान किया था कि हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड में हमें सभी का सहयोग चाहिए. जो भी ब्लॉगर इस हेतु अपने लेख लिखना चाहता है वो अपने लेख व विचारों से हमको अवगत करा सकता है. आज करीब एक महीना होने जा रहे हैं और मुझे खबर मिली कि किसी भी लेखक, ब्लॉगर ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया. 
इसके अलावा लोगों का ध्यान पिछले दिनों भट्टापरसौल, राहुल गाँधी, भ्रष्टाचार, हिन्दू-मुस्लिम धार्मिक असमानता वगैरह में ज्यादा रहा. वैसे ये इनमे से कुछ विषय भारत से सम्बंधित हैं इसीलिए मैं इन विषयों का कोई विरोध नहीं करता. मैंने कहीं सुना था - "सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे, नज़रों को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे." ये बात किसी विचारक के अनुभव से ही कही गई होगी. जितना बुराई के बारे में सोचोगे उतना ही बुरा होता जायेगा और जितना अच्छाई के बारे में सोचोगे उतना ही अच्छा देखने व सुनने को मिलेगा. वो कहते हैं न -
 मैं सही तो सब सही, मुझे बुरे की परवाह नहीं. 
और 
चलो कोई बात नहीं, तब नहीं तो अब सही. 

अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने ऐसा क्या पहाड़ खोद लिया जो आपसे ये सवाल कर रहा हूँ, मुझे भी अपना गिरेबान  झांकना चाहिए. तो मैं ये कहना चाहूँगा कि मैंने हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए कुछ लेख लिख लिए हैं और उन लेखों से अनवर जी को अवगत भी करा दिया है और बहुत जल्द वो लेख अनवर जी को सौंप भी दिए जायेंगे. और हाँ, एक बात और हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड की रूप रेखा भी तैयार कर ली गई है उसी के अनुरूप मैंने लेख लिखे हैं. पर सारे लेख मैं और अनवर जी ही लिखें जरूरी तो नहीं न? 
इसीलिए आप सभी ब्लोगर्स से अनुरोध है कि जिस तरह आप भारत में हो रही तरह तरह की घटनाओं के लिए अपने लेख लिख रहे हैं उसी तरह एक लेख हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए भी लिखें...

अधिक जानकारी के लिए आप मुझे ईमेल करें - mbarmate@gmail.com
या डॉ. अनवर जवाल खान जी को ईमेल करें - eshvani@gmail.com

महेश बारमाटे "माही"

Comments

  1. सबसे पहले तो क्षमा चाहूँगा क्योंकि इस पोस्ट को लिखने के बाद मैं ऑनलाइन नहीं आ सका. पिछले दिनों
    हमारे शहर में बहुत तेज आंधी और बरसात के कारण कई पेड़ गिर गए और कुछ बिजली के खम्बे भी टूट गए थे.
    जिसके कारण मुझे ४८ घंटों का अंधकार अपनी पूरी कालोनी के साथ झेलना पड़ा.
    अब रही बात हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड की रूप रेखा की तो थोड़ा सा इंतज़ार करें आज नहीं तो कल मैं रूपरेखा आप सबके सामने जरूर पेश करूँगा.
    धन्यवाद आप सभी के सहयोग का...

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